मज़ेदार पंजाबी छोले (Punjabi Chole Recipes)देख देख कर मन है डोले
लो जी आज हम लाए है पंजाबी छोले (Punjabi Chole Recipe) की मज़ेदार कहानी ।दरअसल लफ़्ज़ में ही कुछ ऐसी ख़ास बात है की स्वाद, सेहत, मस्ती और बल्ले बल्ले की तरंगें मन में बिजली की तरह कौंध जाती है और पंजाबी में एक कहावत मशहूर है की पंजाबी लोग खाने को गिन कर नहीं बल्कि चिन कर खाते है । मक्के दी रोटी और सरसों के साग की बात तो मशहूर है पर सच तो यह है कि पंजाबी तड़का जिस किसी चीज़ को भी लगता है उसमें रच बस जाती है एक मादक सी कशिश और बहती हवा सी महक।
एक अलग स्वाद के साथ पंजाबी छोले (Punjabi Chole)।
आज बारी है मज़ेदार पंजाबी छोले की, इन्हे हम काले चने भी कहते है, सफ़ेद चने काबुली छोले भी कहा जाता है शायद ऐफ़्गैनिस्टैन से संबंध का इतिहास हो। वैसे काबुली चने की शुरुआत टर्की से भी कही जाती है।
ख़ैर कोई कुछ भी बोले हम तो आज बनाएंगे मज़ेदार पंजाबी छोले।
काबुली छोले से बने कई प्रकार के व्यंजन कई दुनिया में बनाए जाते है । अंग्रेज़ी में इन्हें चिक्पीज़ भी कहा जाता है । इनको कई तरह से बनाया जा सकता है जैसे उबालकर, मैश,सिमर, फ़्राई या अंकुरित कर के और आटा बनाकर आदि। चना केवल विविधता और स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि पौष्टिकता के लिए भी जाना जाता है । मधुमेह , ब्लड प्रेशर , दिल के रोग आदि में लाभप्रद होने के साथ साथ हड्डियां मज़बूत करने में भी कारगर है।
हल्के से पीले, नन्हें से दिखने वाले काबुली चने कई लज़ीज़ रेसिपी का आधार बनते है। इन्हें अक्सर रात भर या कई घंटे भिगो कर साफ़ कर लिया जाता है ताकि गलने में आसानी रहे । पर्याप्त समय तक भिगोने पर काबुली छोले दो तीन गुना तक फूल जाते है । भीगे हुए काबुली चने दस मिनट उबालने और सिमट करने के बाद कई व्यंजनों की शान बनने के लिए तैयार हो जाते है।
विशेषता
मैंने चने की कई रेसिपी पर इक्स्पेरिमेंट किए है मतलब तलने भूनने और आटे की तरह गूँधने तक सब कुछ आजमाया है। यक़ीन मानिए हर विधि का अपना ही अंदाज़ और अपना ही लुत्फ़ है। और हाँ उबले हुए काबुली चने को सलाद की तरह सजा सँवार कर धनिया , चाट मसाला और सुगंधित सामग्री भुला कर भी एक जादू जगाया जा सकता है । शॉर्ट्कट में बोलूँ तो काबुली चने ने कभी निराश नहीं किया ।
नन्हा सा दिखने वाला काबुली चना हर रेसिपी में अपनी पहचान, महक और स्वाद सहेज कर रखता है। अब मज़ेदार पंजाबी छोले की यह रेसिपी आपको ख़ुद ही बता देगी कि मैंने इसे हमेशा मज़ेदार क्यों कहा है । पाक में अन्य कलाओं की तरह हाथ की सफ़ाई और तजुर्बा बहुत मायने रखता है और दिल में विभिन्न व्यंजनों को बनाने, सँवारने, परोसने और मेहमान नवाज़ी का शौक़ तो ख़ैर होना ही चाहिए।
मज़ेदार पंजाबी छोले (Punjabi Chole) की रेसिपी समझने से पहले एक राज़ की बात चलो बता देती हूँ । यूँ तो किसी भी व्यंजन का हिस्सा बनने वाली हर चीज़ की अपनी अहमियत होती है, अपना योगदान होता है पर इस रेसिपी की ख़ासियत है हरी मिर्च को अच्छे से स्टफ़ कर के प्रयोग करना । मसालेदार चटख से भरी हरि मिर्च किस तरह इस रेसिपी में लज़्ज़त की नई इबारत लिख देती है आप ख़ुद ही देख लीजिए । यह भी ग़ौर फ़रमाइएगा की मामूली सी दिखने वाली हींग इस रेसिपी को कैसे ख़ास बना देती है।